उबल पड़ना meaning in Hindi
[ ubel pedaa ] sound:
उबल पड़ना sentence in Hindi
Meaning
क्रिया- क्रोध से भर जाना:"अपनी बुराई सुनकर वह क्रुद्ध हुआ"
synonyms:क्रुद्ध होना, क्रोधित होना, गुस्साना, गुस्सा करना, गरम होना, गर्म होना, क्रोध करना, तमकना, तमना, बमकना, बिगड़ना, उखड़ना, उखरना, उबलना, कुपित होना, तड़कना, भड़कना, उत्तेजित होना, उग्र होना, भौंहें चढ़ाना, भौंहें तानना, त्योरी चढ़ाना, गरमाना, आग बबूला होना, आग होना, आमरखना - क्रुद्ध होकर या खीझकर बहुत ही तीक्ष्ण स्वर में बोलने लगना:"यह ख़बर सुनकर वह उबल पड़ा"
synonyms:बौराना, गुस्से से पागल होना
Examples
More: Next- उबल पड़ना और फिर ठंडा हो जाना .
- उबल पड़ना , फिर ठंडा हो जाना।
- राष्ट्रवादी हैं तो इस गुलामी की कल्पना से ही हमारा खून उबल पड़ना चाहिये।
- पहले शर्मिंदा होना फिर गुस्से में उबल पड़ना हमारे राष्ट्रीय शौक जैसा बन गया है .
- उबल पड़ना , मु . एकदम गुस्साश हो जाना मास्टगरजी ज़रा सी गलती पर उबल पड़ते हैं।
- हां , मुझे अपने लिये भी लगता है कि जब तब मीडिया , हिन्दी साहित्य या सेकुलरिज्म आदि पर उबल पड़ना मेरे अपने व्यक्तित्व का नकारात्मक पक्ष है।
- हाल के वर्षों में विकसित देशों की तो क्या कहें भारत जैसी शिष्ट और संस्कृति जीवी कही जाने वाली सरज़मी पर जिस कदर अनाचार-दुराचार , दुष्कर्म और अपकर्म के गहरे निशान अंकित हुए हैं , उनसे सिर शर्म से झुक जाना और मन का आक्रोश में उबल पड़ना स्वाभाविक है .
- खैर . ... मेरा टिप् पणी देना कहीं न हो जाए गलता इसलिए मैं तो इतना ही बता कर चलता कि नामवर जी को बुलायें या उनकी राय ले आयें तो मिट जाए सारा बवाल खत् म हो उबाल पर इस पर न उबल पड़ना कि नामवर जी को ही क् यों बुलायें ?
- यदि हमें अपने बच्चों को अशिष्ट , उद्दंड बनाना हो तो ही हमें असभ्य व्यवहार की आदत बनाए रहनी चाहिए अन्यथा औचित्य इसी में है कि आवेश , उत्तेजना , उबल पड़ना , क्रोध में तमतमा जाना , अशिष्ट वचन बोलना और असत्य व्यवहार करने का दोष अपने अंदर यदि स्वल्प मात्रा में हो तो भी उसे हटाने के लिए सख्ती के साथ अपने स्वभाव के साथ संघर्ष करें और तभी चैन लें , जब अपने में सज्जनता की प्रवृत्ति का समुचित समावेश हो जाए।
- यदि हमें अपने बच्चों को अशिष्ट , उद्दंड बनाना हो तो ही हमें असभ्य व्यवहार की आदत बनाए रहनी चाहिए अन्यथा औचित्य इसी में है कि आवेश , उत्तेजना , उबल पड़ना , क्रोध में तमतमा जाना , अशिष्ट वचन बोलना और असत्य व्यवहार करने का दोष अपने अंदर यदि स्वल्प मात्रा में हो तो भी उसे हटाने के लिए सख्ती के साथ अपने स्वभाव के साथ संघर्ष करें और तभी चैन लें , जब अपने में सज्जनता की प्रवृत्ति का समुचित समावेश हो जाए।